सोम डिस्टिलरी में प्रशासन ने मारा छापा, 58 बाल श्रमिक कर रहे थे काम
मुख्यमंत्री ने दिये सख्त कार्रवाई के निर्देश
सोम डिस्टिलरी के खिलाफ प्रशासन ने छापामार कार्रवाई की है; छापामार कार्रवाई के बाद से अन्य फैक्टृी मालिकों में हडकंप की स्थिति निर्मित है; सूत्रों की मानें तो सोम डिस्टिलरी में बाल श्रमिकों से काम लिये जाने की शिकायत मिल रही थी; जिसे प्रशासन ने गंभीरता से लिया और छापामार कार्रवाई की; कार्रवाई के दौरान फैक्टृी में 19 लडकियों सहित 58 बाल श्रमिक काम करते पाये गए; जिन्हें वहां से आजाद कराया गया; वहां काम कर रहे बच्चों के हाथों की त्वचा केमिकल के संपर्क में आने के कारण जल चुकी थी। खबर मध्यप्रदेश के रायसेन जिले से है; जहां संचालित सोम डिस्टिलरी के खिलाफ प्रशासन द्वारा कार्रवाई की गई है; वहीं फैक्टृी के मालिकों और प्रबंधन के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की कार्रवाई चल रही है; इस मामले को लेकर मध्यप्रदेश के सीएम डॉ मोहन यादव ने भी सख्त कार्रवाई की बात कही है; जो सोशल मीडिया में सुर्खियां बटोर रही है; बताया गया कि राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने स्वैच्छिक कार्रवाई संघ, जिसे बचपन बचाओ आंदोलन (बीबीए) के नाम से भी जाना जाता है, के साथ मिलकर शनिवार को सोम डिस्टिलरी पर कार्रवाई की। बीबीए ने बताया कि एनसीपीसीआर के अध्यक्ष प्रियांक कानूनगो के नेतृत्व में एक टीम ने सोम डिस्टिलरी से 58 बच्चों, 19 लड़कियों और 39 लड़कों को बचाया।
इसमें कहा गया है, बच्चों के हाथ कठोर रसायनों और अल्कोहल के संपर्क में आने से जल गए थे। उन्हें उनके नियोक्ता द्वारा प्रतिदिन एक स्कूल बस में ले जाया जाता था और वे प्रतिदिन 12 से 14 घंटे काम करते थे।
दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी
सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि फैक्ट्री पर छापेमारी एक गंभीर मामला है। यादव ने लिखा, श्रम, आबकारी और पुलिस विभाग से विस्तृत जानकारी प्राप्त कर उचित कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए
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