दुसरो के घर खाना बनाने वाली के बेटे ने पास की पीएससी की परीक्षा

दूसरो के लिए मिशाल बन गई सविता, अपने तीनों बेटो को दिलाई उच्च शिक्षा और बेहतर संस्कार

Dec 29, 2023 - 16:05
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दुसरो के घर खाना बनाने वाली के बेटे ने पास की पीएससी की परीक्षा

माँ के संघर्ष और तप तथा भाई के त्याग ने रवि को पहले ही प्रयास में psc में मिली सफलता

रीवा। लोक सेवा आयोग की परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले कुछ ऐसे भी होनहार छात्र हैं जिनकी मेहनत और लगन के सामने गरीबी भी तौबा बोल गई और वह पहले ही प्रयास में पीएससी की परीक्षा उत्तीर्ण करने में सफलता हासिल कर ली। हम बात कर रहे है रवि मिस्रा की जिन्होंने विषम परिस्थितियों में लोक सेवा आयोग 2019 की परीक्षा उत्तीर्ण की और उनका चयन सहायक संचालक उद्योग/प्रबंधन के पद पर हुआ है। बता दे कि बचपन में ही रवि के सर से पिता का साया उठ गया। उनकी मां सविता मिस्रा पर जिम्मेदारियों का बोझ पड़ा। आय का कोई और स्रोत नही था। मजबूर मां आखिर क्या करती। उसके ऊपर तीन बच्चो की परवरिश करने और उन्हें शिक्षा दिलाने की बड़ी जिम्मेदारी रही। ऐसे में श्रीमती सविता मिस्रा एक निजी स्कूल में नौकरी कर ली। तथा सिलाई बुनाई का काम भी करने लगी। इसके बाद भी बच्चो की आगे की पढ़ाई में जब पैसे की कमी आई तो दूसरों के घर मे खाना भी बनाया स्वयं अभाव सहा लेकिन अपने तीनो बच्चों को कभी किसी चीज़ की कमी महसूस नही होने दी। तीनों ही बच्चों को न सिर्फ उच्च शिक्षा दी वरन अच्छे संस्कार भी दिए। आज सविता न सिर्फ अपने गांव,मोहल्ले बल्कि हर उस व्यक्ति के लिए मिसाल हैं जो कठिन परिस्थितियों को झेल रहे हैं और आगे सफल होने का सपना देखते हैं।

      बताते है कि इस दौरान सविता को उनके फूफा वंशवर्धन प्रसाद द्विवेदी (प्राचार्य किरण ज्योति स्कूल) का अत्यंत सहयोग प्राप्त हुआ,जो उनके और उनके बच्चों के लिए किसी मसीहा से कम नही हैं,जिन्होंने न सिर्फ अपने स्कूल में तीनों बच्चों को निःशुल्क पढ़ाया बल्कि रहने के लिए जगह दी और एक गार्जियन की भांति मार्गदर्शन किया।

भाई ने निभाई गार्जियन की भूमिका

रवि के जीवन मे उनके बड़े भाई की भूमिका भाई की तरह कम तथा पिता की तरह ज्यादा रही है।घर की विकट परिस्थितियों और अभावों ने सतीश को बेहद जल्द समझदार बना दिया और उन्होंने स्वयं कि पढ़ाई को सीमित कर अपने भाई का भविष्य बनाने का निश्यच किया और आईटीआई का कोर्स करके एक निजी कंपनी में कार्य किया और रवि को किसी चीज़ का अभाव महसूस नही होंने दिया।आज रवि की सफलता ने उनके त्याग को सार्थक बनाया।

रवि शंकर मिश्रा की शिक्षा पर एक नजर

हाई स्कूल-किरण ज्योति स्कूल इंद्रा नगर रीवा 93%

हायर सेकंडरी -शासकीय मार्तंड क्रमांक 1 एक्सीलेंस स्कूल रीवा 90%

ग्रेजुएशन-मैकेनिकल इंजीनियरिंग (शासकीय इंजीनियरिंग कॉलेज रीवा )

रवि ने कॉलेज की पढ़ाई के दौरान एक्स्ट्रा को-करिकुलर गतिविधियों में बढ़चढ़कर हिस्सा लिया,कई कार्यक्रमों में भाग लिया और बहुत से कार्यक्रमों का सफल आयोजन करवाया। इसी दौरान उनका सिविल सेवा के प्रति रुझान हुआ और अपने पहले ही प्रयास में 2019 की psc की परीक्षा में सहायक संचालक उद्योग/प्रबन्धन का पद प्राप्त किया इनकी रुचि-फुटबॉल खेलना और देखना,ग़ज़लें कहना और पढ़ना है।रवि इस सफलता को एक पड़ाव मान रहें हैं और अभी आगे भी प्रयासरत और आशान्वित हैं। रवि अपनी मां को अपना आदर्श मानते हैं। रवि ने अपनी सफलता का श्रेय अपनी माँ, भाई, और गुरूजनों को दिया।

रवि ने अपनी इस सफलता में उनके शिक्षक डॉ उत्तम कुमार द्विवेदी ,रामसहाय मिश्रा , देवेंद्र मिश्रा , हीरालाल सोनी ,श्रीमती शशी सिंह परमार,श्रीमती पुष्पा सिंह आदि के प्रति भी कृतज्ञता जताई है और कहा है कि 

 मेरी इस सफलता में दशरथ सिह इंजीनियर साहब और उनकी पत्नी श्रीमती पुष्पा सिंह का भी बहुत सहयोग रहा है। वो हमेशा मेरा मार्ग दर्शन करते रहे।

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