पेपर लीक पर कानून की नकेल
एक करोड का जुर्माना और दस साल की जेल
पेपर लीक पर कानून की नकेल
एक करोड का जुर्माना और दस साल की जेल
केन्द्र सरकार ने उठाया कडा कदम
कडी मेहनत और दिनरात पढाई करने वालों पर उस वक्त तुशारापात हो जाता है जब उन्हें पेपर लीक जैसी समस्याआंे से होकर गुजरना पडता है; हालाकि षासन ने अब इसे गंभीरता से लिया है और ऐसे कार्य में संलिप्त लोगों के खिलाफ कानूनी नकेल कसने का कार्य किया है; इसमें एक करोड का जुर्माना और दस साल की सजा का प्रावधान बताया गया है;
दरअसल केन्द्र सरकार ने यूजीसी-नेट परीक्षाओं के विवादों के बीच एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए पेपर लीक और धोखाधड़ी को रोकने के लिए एक सख्त कानून लागू कर दिया है. हालाकि इस कानून को फरवरी में पारित किया गया था.
बता दें कि शुक्रवार को लागू हुए अधिनियम के तहत, पेपर लीक करने या उत्तर पुस्तिकाओं के साथ छेड़छाड़ करने का दोषी पाए जाने वाले किसी भी व्यक्ति या व्यक्तियों को न्यूनतम तीन साल की जेल की सजा मिलेगी. इसे 10 लाख तक के जुर्माने के साथ पांच साल तक बढ़ाया जा सकता है. अधिनियम के तहत सभी अपराध संज्ञेय और गैर-जमानती होंगे.इसके अलावा जिन परीक्षा सेवा प्रदाताओं को संभावित अपराध के बारे में जानकारी है लेकिन वे इसकी सूचना नहीं देते हैं तो उन पर 1 करेाड रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है. वहीं जांच के दौरान, यदि यह साबित हो जाता है कि सेवा प्रदाता के किसी वरिष्ठ अधिकारी अपराध इसमें शामिल है तो उसे कम से कम तीन साल और ज्यादा से ज्यादा 10 साल तक बढ़ाया जा सकता है. इसी के साथ 1 करोड़ रुपये तक का जुर्माना लगाया सकता है.
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