जानिए किस होटल में गांधीजी और जिन्ना भारत विभाजन की करते थे चर्चा
होटल की भव्यता लोगो को करता है आकर्षित
जानिए इस होटल में गांधी जी और जिन्ना करते थे भारत विभाजन की चर्चा
गौहर/दिल्ली: भारत विभाजन की सारी चर्चाएं महात्मा गांधी और मोहम्मद अली जिन्ना जिस होटल में बैठकर चर्चा करते थे, वो देश को आजादी मिलने के महज 11 साल पहले ही बनकर तैयार हुआ और संचालित हुआ था। विशेष बात ये है कि यह होटल दिल्ली में स्थित है और दिल्ली का पहला भव्य होटल भी यही है। इसका नाम द इंपीरियल होटल है। जो नई दिल्ली के पर्यटक केंद्र के जनपथ रोड पर स्थित है. लेकिन यह पुराने समय में एक प्रवेश द्वार जैसा लगता है. इस होटल की शुरुआत 1936 में ब्रिटिश काल में हुई थी. यह उस समय नई दिल्ली का पहला भव्य होटल था, जिसका उद्घाटन तब के भारत के तत्कालीन लॉर्ड विलिंग्डन ने किया था।
इस होटल के खुलने के महज 11 साल बाद 1947 में ही भारत को आजादी मिल गई थी. भारत की आजादी और विभाजन का भी होटल से बहुत गहरा नाता है. होटल की आधिकारिक वेबसाइट पर ऐसा लिखा गया है कि देश के विभाजन और भारत के भविष्य पर चर्चा करने के लिए अक्सर उस दौर के कई बड़े राजनेता इस होटल में मिला करते थे.
देश के विभाजन पर होती थी चर्चा
द इंपीरियल होटल के भवन के बॉलरूम में भारतीय स्वतंत्रता के बाद के भविष्य के खाके और देश के विभाजन पर चर्चा होती थी. अक्सर इस होटल में महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू, मुहम्मद अली जिन्ना और लॉर्ड माउंटबेटन जैसी प्रमुख राजनीतिक हस्तियां अक्सर अनौपचारिक और अनुकूल माहौल में भारत के भविष्य पर चर्चा करने के लिए मिलती रहती थी।
इंपीरियल होटल में “1911” नाम का होटल
1911 नई दिल्ली के इतिहास में एक ऐतिहासिक वर्ष था, क्योंकि तब सम्राट जॉर्ज पंचम ने कलकत्ता से सत्ता की सीट स्थानांतरित करते हुए नई दिल्ली को भारत की राजधानी घोषित किया था. होटल में 1911 के नाम से एक रेस्टोरेंट है जो उसी ऐतिहासिक फैसले को ध्यान में रखकर तैयार किया गया था. इस रेस्टोरेंट में लाल किले के भीतर सिंहासन पर बैठे जॉर्ज पंचम और रानी महारानी मैरी की एक विशाल तस्वीर है. जो शाही धन के एक ज्वलंत प्रदर्शन में घुड़सवार सेना और दरबारियों से घिरा हुआ है।
*होटल में है तीन मुख्य आर्ट गैलरीज*
द इंपीरियल होटल में तीन मुख्य आर्ट गैलरीज हैं, और बॉलरूम के बाहर भारत के रियासती शासकों के आदमकद तेल चित्रों का संग्रह विशेष रूप से आकर्षक है. रॉयल बॉलरूम में बॉर्न और शेपर्ड की एक विशाल 11 फीट x 22 फीट की तेल पेंटिंग भी है, जिसका शीर्षक मालेर कोटला के नवाब का दरबार है. जो 1900 के दशक की शुरुआत के दरबारी अस्तित्व की समृद्धि को स्पष्ट रूप से जीवंत करता है. बॉलरूम भारत के विभाजन पर चर्चा करने के लिए बैठकों का स्थान था. इस होटल की सीढ़ी उस समय के प्रसिद्ध भारतीय राजनेताओं के चित्रों से सुसज्जित है।
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