हैजे से ग्रस्त मरीजों को एम्बुलेंस ने जबरन रास्ते से उतारा, मौत
पुलिस ने अपने वाहन से मरीजों को पहुंचाए अस्पताल
मध्य प्रदेश के रीवा जिले से मानवता को शर्मसार कर देने वाली घटना प्रकाश में आई है जहा हैजा रोग से ग्रसित तीन मरीजों को सरकारी एम्बुलेंस ने उन्हें जबरन रास्ते में ही उतार दिया और पायलट वाहन लेकर फरार हो गया। परिणाम यह हुआ की हैजा ग्रस्त महिला मरीज की तड़पकर मौत हो गई। इतना ही नहीं शव को घर ले जाने के लिए कोई वाहन तक नही मिला। मजबूरी में परिजनों द्वारा शव को बांस और चादर में बांधकर कंधे के सहारे घर तक ले जाना पड़ा। एक तरफ सरकार लोगो को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं देने का वादा करते नही थकती वही सरकारी तंत्र का इस तरह का बर्ताव बेहद शर्मनाक है। बताया गया है की त्यौंथर तहसील के दत्तपुर गांव में रहने वाले मुसहर परिवार के सदस्य अचानक हैजा की गंभीर बीमारी से पीड़ित हो गए। मारीजो को अस्पताल तक ले जाने के लिए एंबुलेंस वाहन बुलाई गई। मौके पर पहुंची एंबुलेंस में तीनों मरीजों को लाद कर कुछ ही दूरी तय की थी की मरीजों को जबरन रास्ते में ही उतार कर एंबुलेंस भाग गई। और बीमार महिला की जान चली गई। इस घटना का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
हैजा के खौफ से डर गए
सरकारी तंत्र की इस हरकत ने पूरे स्वास्थ्य अमले को बैकफुट पर ला खड़ा किया है। पूरी घटना त्योंथर विधान सभा क्षेत्र के दत्तपुर गांव की है, जहां मुसहर समाज के तीन सदस्य अचानक हैजा बीमारी की चपेट में आ गए। धीरे धीरे उनकी हालत और गंभीर होती गई। मरीजों को अस्पताल तक ले जाने के लिए एंबुलेंस वाहन को कॉल किया गया। मौके पर पहुंचे एंबुलेंस कर्मी हैजा के प्रकोप को देखकर भाभीय हो गए और मरीजों को जबरन रास्ते मे ही उतार दिया।उनकी स्थिति काफी गंभीर थी, जिसके कारण उनके रिश्तेदारों को एम्बुलेंस बुलाने के लिए मजबूर होना पड़ा. जब एम्बुलेंस कर्मी घटनास्थल पर पहुंचे, हैजा का खौफ एंबुलेंस कर्मचारी पर ऐसा दिखा की एंबुलेंस कर्मचारीयों ने हैजे से ग्रसित मरीजों को रास्ते में ही जबरन उतार दिया और मौके से फरार हो गए।
पुलिस वाहन ने पहुंचाए अस्पताल
जानकारी मिलने पर मौके पर पुलिस वाहन पहुंचा जहा मरीजों को अस्पताल ले जाया गया जहा उपचार के दौरान एक और मरीज की जान चली गई। इस तरह से सरकारी तंत्र की लापरवाही से हैजा से पीड़ित दो मरीजों की मौत हो गई। जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) डॉ. के.एल. नामदेव ने मामले की गहन जांच का वादा किया है. किसी भी गलत काम के लिए जिम्मेदार पाए जाने वालों को जवाबदेह ठहराया जाएगा. महिला की मौत और शवगृह वाहन की अनुपलब्धता के संबंध में पूछे गए सवालों के जवाब में, सीएमएचओ ने ठोस प्रतिक्रिया नहीं देने का कारण जानकारी की कमी बताया।
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