संसद के विशेष सत्र में क्या होगा, मोदी सरकार ने बताया पर कांग्रेस को अब भी शक
संसद के विशेष सत्र में क्या होगा, मोदी सरकार ने बताया पर कांग्रेस को अब भी शक
18 से 22 सितंबर के बीच संसद का विशेष सत्र क्यों बुलाया गया है, सरकार ने इस सवाल का जवाब अब दे दिया है.
लोकसभा सचिवालय के आधिकारिक सोशल मीडिया हैंडल से बताया गया है कि बाक़ी कार्यवाही से अलग सत्र के पहले दिन 18 सितंबर को दोनों सदनों में संसद के 75 साल के सफ़र पर चर्चा की जाएगी. इसके तहत संविधान सभा से लेकर संसद की उपलब्धियों, अनुभवों और यादों की चर्चा की जाएगी.
लोकसभा और राज्यसभा के जारी बुलेटिन में भी इस बारे में जानकारी दी गई है.
द हिंदू की रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकार का एजेंडा इस ओर इशारा करता है कि संसद का विशेष सत्र पुरानी से नई संसद में जाने के लिए बुलाया गया है.
नई संसद का पीएम नरेंद्र मोदी ने 28 मई को उद्घाटन किया था. लेकिन मॉनसून सत्र संसद की पुरानी इमारत में ही हुआ था. नई संसद को 970 करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया है. ये सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट का हिस्सा है.
मॉनसून सत्र नई बिल्डिंग में क्यों नहीं बुलाया गया, इस बारे में कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई थी.
केंद्र सरकार भारत की आज़ादी के 75 साल पूरे होने पर अमृत महोत्सव (अमृत काल) मना रही है.
आज़ादी के 50 साल पूरे होने पर भी 15 अगस्त 1997 को संसद का विशेष सत्र बुलाया गया था.
किन बिल पर होगी चर्चा?
राज्यसभा के बुलेटिन के मुताबिक़, संसद के विशेष सत्र में तीन बिल पर चर्चा होगी. लोकसभा में भी दो बिल पर चर्चा होगी.
- पोस्ट ऑफिस विधेयक 2023
- मुख्य चुनाव आयुक्त एवं चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति, सेवाओं और कार्यकाल से संबंधित विधेयक
- निरसन एवं संशोधन विधेयक 2023
- अधिवक्ता संशोधन विधेयक 2023
- प्रेस एवं पत्र पत्रिका पंजीकरण विधेयक 2023
इन बिलों में सबसे चर्चित है मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति से जुड़ा विधेयक.
कहा जा रहा है कि मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति प्रक्रिया में चीफ़ जस्टिस ऑफ इंडिया को हटाने का सरकार का इरादा है और इसीलिए ये बिल लाया जा रहा है.
अभी तक मुख्य चुनाव आयुक्त को चुनने वाली कमिटी में प्रधानमंत्री, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और मुख्य न्यायाधीश होते हैं. नए विधेयक में मुख्य न्यायाधीश की जगह कैबिनेट मंत्री को शामिल किए जाने की बात कही गई है.
17 सितंबर को विशेष सत्र से एक दिन पहले संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी ने सर्वदलीय बैठक बुलाई है. इस दिन पीएम नरेंद्र मोदी का जन्मदिन भी होता है.
संसद का विशेष सत्र जब बुलाया गया था तो उसके फौरन बाद केंद्र सरकार ने 'एक देश एक चुनाव' पर कमिटी बनाई थी.
इस कमिटी को बनाए जाने के बाद मीडिया रिपोर्ट्स में ऐसा कहा जा रहा था कि संसद के विशेष सत्र में सरकार 'एक देश एक चुनाव' से जुड़ा बिल ला सकती है.
हालांकि बुधवार को संसद की ओर से जारी बुलेटिन में एक देश एक चुनाव का कोई ज़िक्र नहीं है. विपक्ष इसे संदेह की निगाह से देख रहा है.
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