सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में पहली बार हुआ लेप्रोस्कॉपी तकनीक से रेट्रोकेवल युरेटर का ऑपरेशन

मरीज स्वस्थ, परिजनों ने जताया संतोष

Jan 1, 2024 - 16:10
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सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में पहली बार हुआ  लेप्रोस्कॉपी तकनीक से रेट्रोकेवल युरेटर का ऑपरेशन

प्रदेश भर में कीर्तिमान स्थापित कर रहा रीवा का सुपर स्पेशलिटी अस्पताल 

रीवा। स्वास्थ्य के क्षेत्र में महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, रीवा सुपरस्पेशालिटी अस्पताल ने डॉ. ब्रिजेश तिवारी के नेतृत्व में लैपरोस्कोपिक शल्य चिकित्सा द्वारा रेट्रोकेवल यूरीटर की पहली सफलतापूर्वक सर्जरी की।

इस आश्चर्यजनक इलाज की आवश्यकता थी एक 18 वर्षीया किशोरी को जिसकी किडनी में बड़ी समस्या थी और उसका जीवन खतरे में था। रेट्रोकेवल यूरीटर की यह समस्या उसकी आम जीवनशैली को प्रभावित कर रही थी और उसकी किडनी को बाधित कर रही थी। जिसका लेप्रोस्कोपी तकनीकी से ऑपरेशन किया गया जो पूरी तरह सफल रहा। मारी बिलकुल स्वस्थ बताया गया है।

डॉ. तिवारी ने बताया, "इस स्थिति में त्वरित और उचित चिकित्सा की आवश्यकता थी ताकि मरीज़ की किडनी को बचाया जा सके। हमने लैपरोस्कोपिक तकनीक का उपयोग करके सर्जरी की और सुनिश्चित किया कि मरीज़ बिना किसी खतरे के स्वस्थ हो जाएं।.डॉक्टर तिवारी ने बताया, "रेट्रोकेवल यूरीटर एक विशेषज्ञ चिकित्सा द्वारा सही तकनीक के साथ ही इलाज किया जाना चाहिए क्योंकि इसमें मूत्रनली की सामान्य यात्रा में बाधा होती है जिससे किडनी और मूत्रनली को नुकसान हो सकता है।हमने एक लैपरोस्कोपिक तकनीक का उपयोग करके इस सर्जरी को केवल 3 टाँकों से किया  है।

इस सफलता के बाद, रीवा सुपरस्पेशालिटी अस्पताल के चिकित्सा दल ने इस तकनीक को अधिक से अधिक मरीज़ों के लिए उपलब्ध कराने का आदान-प्रदान किया है, जिससे उन्हें नवीनतम और सबसे उन्नत चिकित्सा सुविधाएं मिल सकें।

इनकी रही महत्वपूर्ण भूमिका

ऑपरेशन की टीम में डॉक्टर बृजेश तिवारी यूरोलॉजी विभाग की मुख्य भूमिका रही वही डॉ शिवम पाटीदार सर्जरी रेजिडेंट, डॉक्टर Subhash Agrawal, डॉ lal Praveen का योगदान रहा तथा  नर्सिंग स्टाफ  में अनीता,  संध्या,  निर्मला, श्रवण कुमार , अंकित,  विपिन का प्रमुख योगदान रहा!

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