हिंदू बच्चों को इस्लाम की तालीम, सरकार कर रही आर्थिक मदद
हिंदू बच्चों को इस्लाम की तालीम, सरकार कर रही आर्थिक मदद
मध्यप्रदेष सरकार का एक चौकाने वाला कारनामा प्रकाश में आया है; जहां मदरसो में न केवल हिदू बच्चों को उर्दू की शिक्षा दी जा रही है अपितु उन्हें इस्लाम की तालीम भी दी जा रही है; जी हां, आप भी जानकर चौक जायेंगे; कि मदरसो में हिंदू बच्चों को इस्लाम की तालीम दी जा रही है; गंभीर चिंता का विशय तो यह है कि इन मदरसों को मध्यप्रदेष सरकार आर्थिक मदद देकर प्रोत्साहित कर रही है; सूत्रों की मानें तो इन मदरसों में बच्चों की सुरक्षा के कोई इंतजाम भी नहीं है और न ही एनसीईआरटी की शिक्षा व्यवस्था ही लागू है।
जरा ठहरिये, मदरसों में इस्लाम की तालीम लेने वाले बच्चांे की संख्या के बारे में भी सुन लीजिये; मदरसों में इस्लाम की तालीम लेने वाले हिंदू बच्चों की संख्या 9417 है; हालाकि संख्या इससे कही अधिक है; सरकार के इस कारनामे का खुलासा कोई और नहीं बल्कि राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने किया है। एक ओर सरकार धर्म परिवर्तन और लव जिहाद को लेकर संवेदनषील होने का दिखावा कर रही है वहीं जिन मदरसों में पढ रहे हजारों की संख्या में हिदू बच्चां को इस्लाम की तालीम दी जा रही है, उन मदरसों को सरकार आर्थिक रूप से मदद भी कर रही है; आयोग अध्यक्ष श्री कानूनगो ने प्रदेश सरकार से हिंदू बच्चों को तत्काल मदरसों से बाहर निकालकर स्कूलों में प्रवेश दिलाने की मांग करते हुए कहा है कि हम पहले भी मदरसों का सर्वे और मैपिंग कराने की मांग कर चुके हैं। लेकिन उनकी मांग पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है; इसमें यह भी देखा जाना चाहिए कि मदरसों में पढ़ाने वाले शिक्षक निर्धारित शैक्षिक योग्यता पूरी करते हैं या नहीं। हालाकि इस संबंध में प्रदेष सरकार के मुख्य सचिव को आयोग ने 18 जून को तलब किया है; बताते चलें कि आयोग ने प्रदेश के डिंडौरी व दमोह में सरकारी मदद से चल रहे मिशनरी आश्रमों और एनजीओ की जानकारी भी मांगी है। मध्य प्रदेश में ऐसे 56 आश्रम व 30 स्कूल संचालित होने की जानकारी प्राप्त हुई है;
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