झारखंड के मंत्री का बेटा बना सिविल कोर्ट का चपरासी
सत्यानंद भोक्ता वरिष्ठ नेताओं में गिने जाते है
चतरा व्यवहार न्यायालय में चतुर्थ श्रेणी में हुआ चयन
झारखंड में मंत्री का बेटा सिविल कोर्ट में चपरासी बनकर काम करेगा। ये फैसला उसने खुद लिया है। और कहा है की उसके पिता राजनीति कर रहे है, लेकिन मैं नही करता। मेरा चपरासी पद पर चयन हुआ, इस बात को लेकर मैं बहुत खुश हु।
गौरतलब है कि सिविल कोर्ट में फोर्थ ग्रेड में झारखंड के एक मंत्री के बेटे का चपरासी पद पर चयन होने की बात चर्चा का विषय बना हुआ है। उसका चयन चतरा व्यवहार न्यायालय में हुआ है। बताया गया है कि चपरासी के पद पर चयनित हुए बेटे के पूरा झारखंड के श्रम नियोजन सह प्रशिक्षण एवं कौशल विकास मंत्री सत्यानंद भोक्ता है। चपरासी बने मुकेश मंत्री के तीसरे बेटे है।
चतरा व्यवहार न्यायालय की तरफ से सिलेक्शन लिस्ट जारी की गई। इसी लिस्ट के पहले पेज के 13वें नंबर पर मंत्री सत्यानंद भोक्ता के बेटे मुकेश का नाम है। सिलेक्शन ST कैटेगरी में हुआ है। मुकेश का कहना है कि पिता राजनीति में हैं। इसका मतलब ये नहीं कि मैं भी इसी में रहूं। मैं नौकरी करूंगा।
सत्यानंद भोक्ता का एक परिचय
सत्यानंद भोक्ता चतरा विधानसभा सीट से आरजेडी से विधायक हैं। वे राज्य के श्रम नियोजन सह प्रशिक्षण एवं कौशल विकास मंत्री भी हैं। अपनी पार्टी के इकलौते विधायक और मंत्री हैं। भोक्ता ने साल 2000 में पहली बार भाजपा की टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़ा था। तब उन्होंने आरजेडी विधायक जनार्दन पासवान को हराया और पहली बार विधायक बने।
इसके बाद साल 2004 में भी वे विधायक बने। साल 2014 में जब भाजपा से उन्हें टिकट नहीं मिला तो उन्होंने पार्टी छोड़ दी। फिर साल 2019 में आरजेडी के टिकट पर चुनाव लड़ा और विधायक बने। राज्य में बनी हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली सरकार में उन्हें मत्री बनाया गया।
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