नगर निगम में खुल रही भ्रश्टाचार की दर परत दर पोल
नगर निगम में खुल रही भ्रश्टाचार की दर परत दर पोल
नगर निगम में खुल रही भ्रश्टाचार की दर परत दर पोल
जंाच की जाये तो एक नहीं कई नियुक्तियां निकलेंगी फर्जी
इन दिनों नगर निगम की कार्यप्रणाली सुर्खियों में है; कभी फर्जी नियुक्तियों के मामले में तो कभी अन्य प्रकार के भ्रश्टाचार में; नगर निगम रीवा में अभी एक फर्जी नियुक्ति का मामला षांत नहीं हुआ था कि एक और फर्जी नियुक्ति ने नगर निगम की कार्यप्रणाली को कठघरे में खडा कर दिया है;
यदि यहंा नियुक्तियों की सही तरीके से जांच की जाये कई नियुक्तियों से पर्दा उठ जायेगा; अधिकारियो की मिली भगत से नियमो को दर किनार कर यहां आर्थिक लाभ की लालच में मनमानी तौर नियुक्तियां व पदोन्नति का खेल खेला गया ,,,, नगर निगम में चल रहे इस खेल को उजागर करते हुए मजदूर संघ के अध्यक्ष बुद्धसेन करोसिया ने बताया कि दीपक और विनोद की फर्जी नियुक्ति दरोगा के रूप में की गई है इनके अलावा अन्य दरोगा का फर्जी और कूट रचित दस्तावेज के अधार पर पदोन्नति का लाभ दिया गया,,, इस आरोप पर स्वास्थ्य अधिकारी बालगोविंद चतुर्वेदी ने कहा कि उनके संज्ञान में अभी तक यह मामला नहीं आया है, लेकिन जैसे आएगा उस पर जांच करा कर कार्यवाही की जाएगी,,, जबकि शिकायत कर्ता ने नगर निगम आयुक्त, संभागायुक्त सहित अन्य जगहों पर शिकायत की है।
अभी हाल ही में केके कार बाजार के ओनर के उपर गोली चालन की घटना में षामिल युवक जिसे नाबालिग बताया गया वह नगर निगम का कर्मचारी निकला; जिसे पुलिस ने गिरफतार कर जेल भेजने की कार्रवाई की है; जरा सोचिये कि वह युवक तीन साल से नगर निगम का कर्मचारी है; जबकी वह नाबालिग है; ऐेसे में सवाल उठना लाजमी है कि नगर निगम में क्या नाबालिगों की नियुक्ति नगर निगम में की जा सकती है;; फिलहाल नगर निगम को इस बात का होष तब आया जब पुलिस के हत्थे चढ़ने के बाद उसके नाबालिग होने का खुलासा हुआ; इसके बाद नगर निगम अब पूरे मामले की जांच कर रहा है। आइये सुनते हैं क्या आरोप लगाये गए
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