स्मार्ट मीटर लगाने का विरोध तेज, उल्टे पांव लौटे बिजली विभाग के अधिकारी कर्मचारी
स्मार्ट मीटर लगाने का विरोध तेज
लोगों ने मीटर की तकनीकी जांच कराई जाने मांग की, कहा उसके बाद ही लगाए जाए मीटर
रीवा।शहर में इन दिनो एक बार फिर नए स्मार्ट विद्युत मीटर लगाए जाने का विरोध शुरू हो गया है। उपभोक्ताओं के विरोध को देख मीटर लगाने का काम रोंक दिया गया। लगाए जा रहे बिजली के नए स्मार्ट मीटर को लेकर उपभोक्ताओं ने आपत्ति दर्ज कराई है। कई मोहल्लों में लगाए गए मीटर पहले की तुलना में कई गुना अधिक तेज गति से चल रहे हैं। इसको लेकर विरोध तेज हो गया है। शहर के बांसघाट मोहल्ले से नए मीटर लगाने की शुरुआत की गई । लोगों ने कहा है कि जब तक मीटर की तकनीकी जांच नहीं कराई जाएगी तब तक वह नहीं लगाने देंगे।
उपभोक्ताओं के बढ़ते विरोध की वजह से मीटर लगाने पहुंचे ठेका कंपनी के कर्मचारियों को वापस लौटना पड़ा। कुछ उपभोक्ताओं के विरोध के चलते स्मार्ट को निकालकर फिर से उनका पुराना मीटर ही लगाना पड़ा। इस विरोध के चलते बिजली कंपनी के कर्मचारी परेशान रहे। उपभोक्ताओं ने विरोध तो ऐसा किया की बिजली विभाग के अधिकारियों कर्मचारियों को उल्टे पांव लौटना पड़ा। महत्वपूर्ण बात तो ये की इस तरह का विरोध किसी एक मोहल्ले का नही, पूरे शहर भर में किया जा रहा है। लोगो का कहना है कि सरकार एक ओर मुफ्त की योजनाएं बांट रही है और दूसरी ओर उपभोक्ताओं के लिए नई आर्थिक समस्या उत्पन्न कर रही है। जिस गति से मीटर चल रहा है उससे हर घर में महीने में पांच से छह सौ यूनिट से अधिक मीटर चलेगा और इसकी बड़ी रकम चुकानी होगी।
गैर भाजपाई पार्षदों के वार्डों में शुरुआत करने का आरोप
वही लोगो का कहना है की नया मीटर लगाने की शुरुआत शहर के चार प्रमुख वार्डों से की गई है। जिसमें वार्ड 6,13, 14 एवं 15 शामिल हैं। इन वार्डों से यह भी आरोप सामने आए हैं कि प्रयोग के तौर पर गैर भाजपा पार्षदों के वार्ड को चुना गया है। कांग्रेस पार्षद धनेन्द्र सिंह, रवि तिवारी, पार्षद अशोक पटेल आदि का कहना है की राजनीतिक साजिश के तहत लोगों को परेशान किया जा रहा है।
नए मीटर को लेकर विभाग कर रहा दाबे
स्मार्ट मीटर को लेकर एक ओर जहां उपभोक्ताओं की ओर से आपत्तियां उठाई जा रही हंै। वहीं दूसरी ओर विभाग का दावा है कि यह आधुनिक मीटर है, इससे उपभोक्ताओं को कई तरह की सुविधाएं मिलेंगी। जिसमें नया स्मार्ट मीटर रीडिंग और डाटा सीधे विभाग के सर्वर को भेजेगा। ऐसे में मीटर रीडर का काम अब खत्म हो जाएगा। मीटर में बढ़ते रीडिंग के बारे में भी उपभोक्ताओं को बीच-बीच में मैसेज के जरिए अपडेट मिलती रहेगी। 100 यूनिट तक सब्सिडी योजना लागू है, इसलिए 100 यूनिट पहुंचने से पहले और इसके पूरे होने की जानकारी उपभोक्ता को मिलेगी। ताकि वह चाहें तो बिजली का खर्च कम कर सकते हैं। नया मीटर पूरे प्रदेश में बदला जाना है। सतना और रीवा से इसकी शुरुआत हुई है। पहले नगरीय क्षेत्रों में मीटर बदले जाएंगे इसके बाद ग्रामीण क्षेत्रों में भी बदलाव किया जाएगा।
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