षराब दुकानों के आवंटन में होने वाली फर्जीवाडे पर लगेगी रोक
षराब दुकानों के आवंटन में होने वाली फर्जीवाडे पर लगेगी रोक
षराब दुकानों के आवंटन में होने वाली फर्जीवाडे पर लगेगी रोक
अब गूगल मैप से मिलेगी लोकेषन
प्रदेष की 3600 दुकानों की जा रही जियो टैगिंग
षराब दुकानों के आवंटन में होने वाले फर्जीवाडे पर अब रोक लगेगी; अब आबकारी अधिकारी अपने चहेतों को लाभ देने के लिए मनमानी नहीं कर पायेंगे; इसके लिए गूगल मैप के सहारे लोकेषन मिलेगी ; षराब दुकानों की अब जियो टैगिंग कराई जा रही है; साथ ही आबकारी विभाग के अधिकारी कर्मचारियों को प्रषिक्षण दिया जा रहा है; बता दें कि प्रदेष भर की 3600 षराब दुकानों की जियो टैगिंग कराई जायेगी; इससे इन सभी दुकानों की लोकेशन गूगल पर आसानी से मिल सकेगी। ऐसा होने पर इसका लाभ आबकारी विभाग और लाइसेंसी ठेकेदारों को भी मिलेगा; प्रदेश की सभी तीन हजार छह सौ दुकानों की जियो टैगिंग किए जाने से इनके आवंटन में किसी तरह का कोई फर्जीवाड़ा नहीं किया जा सकेगा। दरअसल, अब तक शराब दुकान आवंटन के बाद लोकेशन को लेकर बड़ा खेल चलता आ रहा था। शराब दुकानदार, आबकारी अधिकारियों के साथ साठगांठ कर लोकेशन की रिपोर्ट गलत दे देते थे और इसमें जमकर भ्रश्टाचार किया जाता था; अब इस भ्रश्टाचार पर रोक भी लगेगी; साथ ही संदिग्ध गतिविधियों पर लगेगा अंकुश विभागीय अधिकारियों की मानें तो जियो टैगिंग से दो दुकानों के बीच की दूरी सहजता से पता चल जाएगी। परमिट के दौरान शराब की आवाजाही भी विभागीय अधिकारी आसानी से देख सकेंगे। आपको जानकार हैरानी होगी कि इतनी सख्ती के बावजूद कई लाइसेंसी ठेकेदार इसमें गड़बड़ी करने का प्रयास करते हैं, इससे उनकी संदिग्ध गतिविधियों पर प्रभावी अंकुश लग सकेगा। इसके अलावा आबकारी अफसरों पर यह आरोप भी लगते रहे हैं कि शराब दुकानें धार्मिक स्थल और शैक्षणिक संस्थाओं के पास खोल दी गई है। उनका कहना है कि जियो टैगिंग के माध्यम से आसपास की लोकेशन को देखा जाएगा।
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