सावधानः कहीं रीवा में भी बालाघाट जैसे न हो जायें हालात
सावधानः कहीं रीवा में भी बालाघाट जैसे न हो जायें हालात
सावधानः कहीं रीवा में भी बालाघाट जैसे न हो जायें हालात
बारिस के बाद बढा मलेरिया का प्रकोप, अब तक कई जान जा चुकी हैं
बारिस के बाद जिले भर में मलेरिया का प्रकोप बढा है; अस्पताल में लगने वाली भीड में अधिकांष लेाग मलेरिया, डेंगू और पीलिया से ग्रसित बताये जा रहे हैं; लेकिन विभागीय अमले द्वारा इस पर अंकुष कैसे लगे इस पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है; जी, हां हम बात कर रहे हैं रीवा जिले की जहां मलेरिया ने तेजी से अपना पांव पसार लिया है; विभागीय अमले की लापरवाही से कहीं बालाघाट जैसी स्थिति निर्मित न हो जाये, यह एक गंभीर चिंता का विशय है;
बता दें कि मध्यप्रदेष के बालाघाट जिले के बिरसा विकासखण्ड अंतर्गत चौरिया पंचायत के चौरिया और चिलौरा दो गांवांे में जमकर मलेरिया का प्रकोप देखने को मिला है; दो गांव में ग्रामीणो में फैली मलेरिया बीमारी ने 7 जून को 06 वर्षीय मासुम रिषभ कुंभरे की जान ले ली। जबकि दोनो ही गांव में हर एक घर के बाद मलेरिया से ग्रसित मरीज घर के बिस्तर पर पड़े है। जिसमें पुरूष, महिला और बच्चे भी शामिल है। यदि रीवा जिले के विभागीय अधिकारियांे की लापरवाही इसी तरह रही तो बालाघाट जैसी स्थिति यहां भी निर्मित होने में देर नहीं लगेगी; गौरतलब है कि बरसात के दिनो में पानी के जमा होने और गंदगी में मलेरिया के मच्छरांे के पनपने से मलेरिया की आशंका बनी रहती है। ऐसे में मलेरिया विभाग, गांव-गांव में मलेरिया से रोकथाम को लेकर प्रचार-प्रसार और मलेरिया से बचाव को लेकर उपाय करने की बात करता है लेकिन यहां सब कुछ मनमानी चल रही है; यहां मलेरिया विभाग द्वारा राहत और बचाव के लिए किसी प्रकार के आवष्यक कदम नहीं उठाये जा रहे हैं;
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