डॉक्टरों के पलायन से जनसंपर्क मंत्री चिंतित, डीन से कहा कुछ भी करो इसे रोको

मरीजों को होगी परेशानी

Oct 5, 2023 - 20:54
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डॉक्टरों के पलायन से जनसंपर्क मंत्री चिंतित, डीन से कहा कुछ भी करो इसे रोको

मुनीर से लेकर कई डॉक्टरों के जाने का लग गया तांता, इसे कुछ भी करके रोको: राजेंद्र शुक्ला

   रीवा। सुपर स्पेशलिटी में पदस्थ चिकित्सको का यहां से मोह भंग होने का जो सिलसिला शुरू हुआ वो थमने का नाम नहीं ले रहा, ये गंभीर चिंता का विषय है, इसे कुछ भी करके रोकिए, उक्त बातें जनसंपर्क मंत्री राजेंद्र शुक्ला ने उस वक्त कही जब वह गुरुवार को सुपर स्पेशियलिटी एक कार्यक्रम में शामिल होने आए हुए थे। उन्होंने मेडिकल कालेज के डीन डॉक्टर मनोज इंदुल्कर से कहा कि सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में पदस्थ रहे कार्डियक एनेस्थेटिक डॉक्टर मुनीर खान के जाने से जो सिलसिला शुरू हुआ तब से लगातार चिकित्सक यहां से जा रहे है। यदि यही चलता रहा तो यहां के लोगो को काफी परेशानियां उठानी पड़ेगी। इसके संचालन के लिए कड़ी मेहनत की गई है, यदि यही होता रहा तो गंभीर चिंता का विषय है। कुछ भी करिए, डीन साहब, इस सिल सिले को रोकिए।

     बता दे की सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में पदस्थ एक मात्र नेफ्रोलॉजिस्ट डॉक्टर रोहन द्विवेदी भी अब यहां से जाने की तैयारी में है। सूत्रों का तो यहां तक कहना है कि वह रिजाइन लेटर तक तैयार कर लिए है। वजह प्रबंधन द्वारा बरती जा रही लापरवाही। जिन शर्तो के तहत सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में चिकित्सको की ज्वाइनिंग कराई गई थी, उन शर्तो को पूरा नहीं किया जा रहा है। जिसके चलते यहां से चिकित्सको का मोह भंग होता जा रहा है। 

  गौर करने वाली बात तो ये है कि जब से सुपर स्पेशलिटी अस्पताल का संचालन शुरू हुआ तब से यहां के मरीजों हृदय रोगियों, न्यूरो रोगियों और मूत्र रोगियों, किडनी रोगियों का पलायन थम गया है। बड़े शहरों में संचालित प्राइवेट नर्सिंग होमो का व्यापार ठप्प हो गया है। मरीजों को यहां बेहतर उपचार मिलना शुरू हो गया है। एनजीओ ग्राफी एंजियोप्लास्टी से लेकर हार्ट सर्जरी तक शुरू हो गई थी। हर माह एक हजार से अधिक किडनी मरीजों की डायलिसिस होने लगी जबकि डायलिसिस के लिए यहां के मरीजों को बाहर जाना पड़ रहा था। सब कुछ बेहतर चल रहा था। लेकिन अचानक ब्रेक सा लग गया। एक एक करके यहां से चिकित्सको का छोड़कर जाना शुरू हो गया जो आज तक जारी है।

 अब तक 4 चिकित्सको ने छोड़ी नौकरी

  बता दे की सुपर स्पेशलिटी अस्पताल से अब तक हृदय रोग के 4 चिकित्सको ने नौकरी छोड़ी जिनमे से एक कार्डियक एनेस्थेटिक डॉक्टर मुनीर खान, एक हार्ट सर्जन डॉक्टर सुमित प्रताप सिंह, कार्डियोलॉजिस्ट डॉक्टर प्रदीप कुर्मी, डॉक्टर लल्लन प्रताप सिंह, डॉक्टर हिमांशु गुप्ता, डॉक्टर अंकित सिंह के नाम शामिल हैं। अब नेफ्रोलॉजिस्ट डॉक्टर रोहन द्विवेदी भी छोड़ कर जाने की तैयारी लगभग कर चुके है। फिलहाल मान मनौव्वल का प्रयास किया जा रहा है।

एक और हार्ट सर्जन के जाने की चर्चा

  विश्वस्त सूत्रों की माने तो सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के एक और हार्ट सर्जन यहां से नौकरी छोड़ कर जाने की तैयारी कर रहे हैं। बताया तो यहां तक जा रहा है कि उनका भोपाल मेमोरियल अस्पताल में सलेक्शन भी हो चुका है। यदि ऐसा होता रहा तो सुपर स्पेशलिटी अस्पताल का शटर जल्द ही गिर जाएगा और विंध्य वासियों की आशाओं और उम्मीदों पर पानी फिर जाएगा।

  सरकार भी दोषी

सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में पदस्थ कई लोगो ने तो प्रदेश सरकार को ही इस मामले में दोषी माना है। उनका कहना है कि सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के संचालन को लेकर सरकार का रवैया भी बहुत उचित नहीं लग रहा। कारण में बताया कि सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के लिए सरकार ने अभी तक कोई अलग से बजट नही दिया। यहां आए मरीजों के उपचार, ऑपरेशन उपकरण एवम दवाइयों आदि के लिए संजय गांधी अस्पताल या फिर मेडिकल कॉलेज प्रबंधन से बजट मिलने की आश लगानी पड़ती है। कारण कुछ भी हो अस्पताल से डॉक्टरों का पलायन गंभीर चिंता का विषय है।

कोई आने को तैयार नहीं चिकित्सक

  रीवा स्थित सुपर स्पेशलिटी अस्पताल को संचालित करने वाले प्रबंधन में कोई न कोई कमी जरूर है, इसलिए यहां कोई चिकित्सक आने को तैयार नहीं हो रहे। प्रमाण के तौर पर रिक्त पदों को भरने के लिए चार बार विज्ञापन प्रकाशित कराया गया लेकिन एक भी फार्म नही आए। इससे स्वतः स्पष्ट हो जाता है कि या प्रबंधन में कोई न कोई खोट है या फिर शासन की गलत नीतियां, जिसके चलते यहां कोई चिकित्सक आने को तैयार नहीं हो रहे। वही जो है भी एक एक करके जा रहे हैं।

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