हाईकोर्ट ने दिया आदेश, डीईओ कार्यालय में हुए भ्रष्टाचार की जांच एसपी स्वयं करे न की किसी अधीनस्थ अधिकारी से
अधिकारियों में मचा हड़कंप
याचिकाकर्ता ने भ्रष्टाचार से सबंधित हासिल किए दस्तावेज, डीईओ ने हलफनामा देकर कहा नही दिए गए कोई रिकॉर्ड
रीवा। जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में व्यापक पैमाने पर भ्रष्टाचार किए जाने का मामला अब तुल पकड़ता दिख रहा है। भ्रष्टाचार किए जाने के मामले को अब जबलपुर हाईकोर्ट ने संज्ञान में लिया है और इसकी जांच करने को जिले के पुलिस अधीक्षक को आदेशित किया है। जानकारी के मुताबिक हाईकोर्ट ने अपने आदेश में स्पष्ट किया है कि जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में जो व्यापक पैमाने पर आर्थिक अनियमितता हुई है उससे संबंधित दस्तावेजों की जांच एसपी स्वयं करे न की अपने अधीनस्थ किसी अन्य अधिकारी से कराए। हाई कोर्ट के इस आदेश के बाद जिले के शिक्षा विभाग के अधिकारियों में हड़कंप की स्थिति निर्मित है।
उल्लेखनीय है की जिले के शिक्षा अधिकारी कार्यालय में जमकर आर्थिक अनियमितता करने का आरोप लगाया गया था।इस मामले को लेकर हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी। याचिकाकर्ता की माने तो जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में भारी अनियमितता की गई है। जिससे सबंधित कुछ दस्तावेज भी उसके द्वारा गत 16 अक्टूबर 2010 को सूचना के अधिकार के तहत प्राप्त किए गए हैं। जबकि वर्तमान जिला शिक्षा अधिकारी ने हाईकोर्ट में उपस्थित होकर यह बताया है की उनके कार्यालय से ऐसे किसी भी प्रकार के दस्तावेज सूचना के अधिकार के तहत प्रदान नही किए गए है। जिला शिक्षा अधिकारी ने अपना बयान विधिवत हलफनामा देकर प्रस्तुत किया है। अब ऐसे में सवाल ये उठ रहा है कि याचिकाकर्ता के पास सूचना के अधिकार आवेदन पत्र लगाए बिना आखिर दस्तावेज कहा से प्राप्त हुए। फिलहाल हाईकोर्ट ने इस मामले को गंभीरता से लिया है और इसकी जांच करने एसपी को आदेशित किया है।
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