कैंसर यूनिट के लिए भोपाल से जगह तलाशने रीवा आई 6 सदस्यीय टीम, सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में बनेगा कैंसर यूनिट
उपचार के लिए मरीजों को बाहर जाने की नही पड़ेगी जरूरत
भोपाल से आई टीम ने सुपर स्पेशलिटी अस्पताल सहित क्रिटिकल केयर का किया निरीक्षण
रीवा। मेडिकल हब के रूप में अपना रीवा बहुत तेजी से विकसित हो रहा है। जहां हृदय रोगियों, मस्तिष्क रोगियों एवम किडनी रोगियों को उपचार की सुविधाएं मिल ही रही थी वही अब कैंसर रोगियों को भी बेहतर उपचार मिलने लगेगा। इसके लिए सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में जल्द ही कैंसर यूनिट बनने जा रही है। इसके लिए जगह सुनिश्चित करने भोपाल से 6 सदस्यीय टीम गुरुवार को रीवा पहुंची। टीम के सदस्यों ने मेडिकल कॉलेज, क्रिटिकल केयर यूनिट, सुपर स्पेशलिटी अस्पताल का निरीक्षण किया। इससे यह माना जा रहा है की रीवा मेडिकल हब के रूप में तेजी से विकसित हो रहा है। यहां के मरीजों को कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों के उपचार की भी सुविधाएं मिलने लगेंगी।
विंध्य में कैंसर के बहुत है मरीज
ज्ञात हो कि विंध्य में सर्वाधिक कैंसर के मरीज है। इसलिए यहां कैंसर यूनिट बनने से मरीजों को उपचार के लिए बाहर नही जाना पड़ेगा। फिलहाल वर्तमान में संजय गांधी अस्पताल के भूतल में कैंसर यूनिट संचालित की जा रही है। यहां पर्याप्त सुविधाएं नहीं है। सिर्फ मरीजों की कीमोथैरेपी की जाती है। सेकाई नही होती। जगह भी पर्याप्त नहीं है। जबकि मरीजों की संख्या हर वर्ष बढ़ती जा रही है। मरीजों की संख्या को देखते हुए लंबे समय से यहां एक कैंसर अस्पताल खोले जाने की मांग उठ रही थी, जो अब जल्द ही पूरी होने जा रही है। भोपाल से जगह चिन्हित करने टीम भी आ चुकी है। महत्वपूर्ण बात तो ये कि स्थानीय विधायक प्रदेश के उपमुख्यमंत्री बनाए गए वही उन्हे चिकित्सा शिक्षा और स्वास्थ्य विभाग की जिम्मेदारी भी मिली है। इसलिए उम्मीद और भी बढ़ गई है। जाहिर है कि अब रीवा में कैंसर यूनिट के लिए अलग भवन बनाए जाने की भी तैयारी शुरू हो गई है। भोपाल से जो छह सदस्यीय टीम आई है उसमे 4 इंजीनियर और दो वरिष्ठ अधिकारी शामिल है।
बन रहा क्रिटिकल केयर
गौरतलब है कि 13 करोड़ की लागत से संजय गांधी अस्पताल परिसर में ही क्रिटिकल केयर भवन का निर्माण किया जा रहा है। क्रिटिकल केयर वार्ड करीब 40 बाय 60 वर्ग मीटर एरिया में बनाया जा रहा है। यह वार्ड सिंगल मंजिला का होगा। 50 बिस्तर का वार्ड तैयार किया जाएगा। इस वार्ड को सिर्फ क्रिटिकल केयर के मामलों में ही उपयोग किया जाएगा। इसका भूमि पूजन भी उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ला ने किया था।
थोड़ी हटकर होनी चाहिए यूनिट
वरिष्ठ चिकित्सको की माने तो कैंसर यूनिट बिलकुल अलग बननी चाहिए कारण यह है की इसमें रेडिएशन का खतरा बहुत ज्यादा रहता है। इसलिए अन्य वार्डो के आसपास कैंसर यूनिट नही होनी चाहिए। यदि सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में कैंसर यूनिट बनाया जाता है तो इससे अन्य मरीजों में संक्रमण का खतरा बहुत अधिक बढ़ जायेगा। बेहतर होगा की कैंसर यूनिट के लिए मेडिकल कॉलेज की जो जगह खाली पड़ी है, उसमे बनाया जाना चाहिए। अब देखना है कि प्रबंधन इस मामले में क्या कदम अख्तियार करेगा।
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