हड़ताल खत्म, सरकार और ड्राइवरो के बीच हुई बैठक में नया कानून लागू न करने का मिला आसवासम
परेशान थे लोग
ड्राइवरो की हड़ताल के आगे झुकी सरकार
रीवा। ड्राइवरों द्वारा की जा रही हड़ताल को अब यूनियन द्वारा खत्म करने का निर्णय लिया गया है। सरकार के साथ ट्रक ड्राइवरों की हुई बैठक में सुलह होने के बाद ये निर्णय लिया गया है। बता दे की दो दिनों तक ड्राइवरों की चली हड़ताल के चलते व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई थी। ट्रक और बसों के पहिए पूरी तरह से जाम थे। खाने पीने की सारी सामग्री टमाटर एवम अन्य सब्जियों के दाम आसमान छूने लगे। लोगो को भारी परेशानी उठानी पड़ी। आखिरकार सरकार को झुकना पड़ा। सरकार के साथ मंगलवार को ट्रक डाइवरों की बैठक में इस मुद्दे पर सुलह हो गई है। गृह मंत्रालय की ओर से साफ किया गया है कि नए प्रावधानों को लागू नहीं किया गया है। इन्हें ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस के साथ मंथन के बाद ही लागू किया जाएगा।
बैठक के बाद उन्होंने कहा कि नया कानून अभी लागू नहीं हुआ है। भारतीय न्याय संहिता की धारा 106/2 को लागू करने से पहले ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस के लोगों से बात की जाएगी। उसके बाद ही फैसला लिया जाएगा। सरकार ने एक सर्कुलर जारी कर सभी वाहन चालकों से अपने-अपने काम पर लौटने की अपील की है। ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस ने भी सभी ड्राइवरों से हड़ताल खत्म करने का आह्वान किया है। ‘हिट-एंड-रन’ मामलों के लिए नए आपराधिक कानून भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) के तहत जेल और जुर्माने के कड़े प्रावधान के खिलाफ ट्रक, बस और टैंकर ऑपरेटरों ने सोमवार को तीन दिवसीय हड़ताल शुरू की थी। हड़ताल के मंगलवार को दूसरे दिन में प्रवेश करने के बीच उत्तर और पश्चिम भारत के करीब दो हजार पेट्रोल पंपों में ईंधन का भंडार खत्म हो गया।
बीएनएस ने औपनिवेशिक युग की भारतीय दंड संहिता (IPC) की जगह ली है। इसमें प्रावधान है कि लापरवाही से गाड़ी चलाकर गंभीर सड़क दुर्घटना का कारण बनने वाले और पुलिस या प्रशासन के किसी भी अधिकारी को सूचित किए बिना भागने वाले ड्राइवरों को 10 साल तक की सजा या सात लाख रुपये का जुर्माना हो सकता है।
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