लाडली बहना योजना का लाभ न मिलने से आहत महिला ने उठाया आत्मघाती कदम, खा ली नीद की गोलियां
सास बहू ने भरा था फार्म, एक्सेप्ट ही नही हुआ
लाडली बहना योजना में फार्म नही हुआ एक्सेप्ट तो महिला ने खा ली नीद की गोलियां, हालत गंभीर
6 बेटियो के लालन पालन का भार सम्हालने में शराबी पति नही करता सहयोग
छतरपुर। प्रदेश भर में लाडली बहना योजना का लाभ लेकर जहा महिलाओं के चेहरे खिल उठे वही कुछ ऐसी भी महिलाए है जो इस योजना के लाभ से वंचित रह गई और आहत होकर आत्मघाती कदम उठा रही है। कुछ ऐसा ही प्रकरण प्रदेश के छतरपुर जिले का संज्ञान में आया है जहा एक महिला का फार्म जब लड़की बहना योजना में एक्सेप्ट नही हो पाया तो वह इतनी आहत हुई कि उसने नीद की कई गोलियां खा गई जिसके चलते महिला की हालत गंभीर बनी हुई है। आनन फानन में महिला को उपचार के लिए अस्पताल ले जाया गया है जहा डॉक्टरों द्वारा उपचार किया जा रहा है। बताते है कि महिला की छह बेटियां हैं वही पति शराब के नशे में धुत्त रहता है। कुछ काम नही करता। मजबूरी में महिला को घर का सारा खर्च चलाना पड़ रहा है। वही शराबी पति से परेशान महिला ने लाड़ली बहना' में फार्म डाला था लेकिन चयन नहीं होने पर महिला ने खुदकुशी की कोशिश की। महिला ने नींद की गोलियों का ओवरडोज लिया है जिसके चलते हालत गंभीर बनी हुई है।
महिला के पति का कहना है कि योजना में शामिल नहीं होने के कारण वह परेशान थी। इसी वजह से उसने जान देने की कोशिश की।
महिला का नाम चंदा रैकवार (45) बताया गया है । उसके पति हरिलाल रैकवार के मुताबिक पत्नी लाड़ली बहना योजना का फॉर्म भरने गई थी। पंचायत में सरपंच ने कहा- साइट नहीं खुलने के कारण फॉर्म अपलोड नहीं हो रहा है। हरिलाल ने कहा कि सरकार सबको पैसा दे रही है और हमारा नहीं आया, तो हमें दुख हुआ। हमारे घर खेती है, न कोई धंधा है। घर में नमक, तेल, राशन, खाने-पीने के लाले पड़े हैं। 1-1 पैसे को लेकर मोहताज हैं।
चंदा रैकवार का आरोप है कि उसका पति शराब पीता है । कोई काम नहीं करता। थोड़ा-बहुत पैसा कमाता है तो शराब में उड़ा देता है। घर में 6 बेटियां हैं, परिवार का खर्च मुझे ही चलाना होता है। मैं स्कूल में खाना बनाकर 2000 रुपए कमा पाती हूं। इतने में गुजारा नहीं होता, लाड़ली बहना योजना का 1000-1200 रुपया और मिलने लगता, तो घर चलाने में थोड़ी आसानी हो जाती ।
सरपंच ने मामले की जानकारी न होने की कही बात
मामले में जब सरपंच सनत कुमार जैन से बात की, तो उन्होंने कहा कि मामले की जानकारी नहीं है। गांव और पंचायत में बहुत महिलाएं हैं। हम इस बारे में पता करते हैं।
सास-बहू का फार्म एक्सेप्ट नहीं, आहत
उल्लेखनीय तो ये है की लाडली बहना योजना का फार्म सास बहू दोनो ने भरा था लेकिन दोनो का फार्म ही एक्सेप्ट नही हुआ। ऐसे में वह आहत होकर नीद की कई गोलियां खा ली जिससे उसकी हालत गंभीर बनी हुई है।चंदा की बहू रश्मि रैकवार का कहना है कि हम दोनों सास-बहू ने लाड़ली बहना योजना का फॉर्म भरा था। किसी कारण से हमारा फॉर्म एक्सेप्ट नहीं हो पाया। बाकी सभी महिलाओं को रुपए मिल रहे हैं। इसी टेंशन के चलते सास ने घर में रखीं नींद की गोलियां खा लीं।
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