टिकट न मिलने से वैश्य समाज नाराज, कांग्रेस और भाजपा से दूरी बनाने का चल रहा मंथन
मतदान से दूरी बनाने लिया निर्णय
वैश्य समाज किसे वोट करे, मंथन करने जुटे समाज के लोग, टिकट न मिलने से कांग्रेस और बीजेपी से दूरी बनाएंगे दूरी, मतदान का करेंगे बायकॉट
रीवा। वैश्य समाज को टिकट न मिलने से लोगो में काफी आक्रोस है। इस बात से नाराज वैश्य समाज के लोगो ने चुनाव बहिस्कार करने का निर्णय लिया है। साथ ही इस समाज के लोग वोट किसे करें, इसके लिए दिनभर मंथन चलता रहा। बता दे की वैश्य समाज के इस निर्णय से भाजपा कांग्रेस की टेंशन बढ़ गई।गौरतलब है की जिले में वैश्य समाज को किसी राष्ट्रीय दल से टिकट ना मिलने से हुई नाराजगी के चलते समाज के जनप्रतिनिधियों ने बैठक बुलाई। वैश्य समाज का वोट किसे मिले इस पर मंथन 27 अक्टूबर को वृंदावन रेस्टोरेंट में संपन्न हुई । बैठक में उपस्थित लोगो ने कहा की जिले में कोई भी राष्ट्रीय दल वैश्य समाज को टिकट नहीं दिया लेकिन वैश्य समाज का वोट सभी दल लेना चाहते हैं । कहा कि जब जनप्रतिनिधि बनाने की बात आती है तो वैश्य समाज को टिकट की लाइन से दूर कर दिया जाता है ।आज विंध्य कि 30 विधानसभा सीटों में एक भी सीट से न तो भाजपा और ना ही कांग्रेस ने टिकट दिया। जबकि रीवा , सीधी, सतना और शहडोल में वैश्य समाज की संख्या बहुतायत है। बैठक में जिले के कोने कोने से प्रतिनिधि मंडल ने भाग लिया जिसमे रीवा से के के गुप्ता , श्रीकृष्ण गुप्त , अभिताभ केसरवानी जगन्नाथ साहू बंसी लाल साहू सुरेश गुप्ता रविंद्र गुप्ता मानिक लाल सोनी रामकृष्ण अखिल गुप्ता रवि गुप्ता गुड्डा गुप्ता विकास गुप्ता शिब्बू गुप्ता संजीव लव कुश गुप्ता पवन गुप्ता दीपक गुप्ता वीरेन भुगतान निकी मोदनवाल प्रेम गुप्ता रमाकांत पुरवार मनगवा नरेंद्र गुप्ता लव कुश गुप्ता प्रदीप गुप्ता देवतालाब हरि श्याम गुप्ता श्यामसुंदर गुप्ता दिलीप गुप्ता मऊगंज से डॉक्टर प्रमोद गुप्ता रामपाल गुप्ता प्रमोद गुप्ता हनुमाना सुमित गुप्ता अखिलेश गुप्ता, जावा अरविंद गुप्ता दिनेश गुप्ता मोहन गुप्ता, त्योथर कैलाश गुप्ता संजय गुप्ता, चाकघाट पप्पू गुप्ता रवि गुप्ता संजय गुप्ता, सिरमौर दरोगा गुप्ता हिमांशु गुप्ता, सिमरिया रामाधार गुप्ता सोम चंद्र गुप्ता जगन्नाथ गुप्ता ,गुढ दुर्गेश गुप्ता रंजन गुप्ता दरबारी लाल गुप्ता जनप्रतिनिधि मंडल उपस्थित हुए। जिससे यह तय हो सके कि वैश्य समाज किसको वोट करें क्योंकि आज तक यहीं होता आया है कि समाज का वोट तो हर दल लेता है लेकिन उसकी गिनती कोई भी दल या नेता नहीं करते इस बैठक के बाद अगली बैठक में तय होगा कि वैश्य समाज किसे वोट करें।
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