साइनस की दीवार को तोड़कर आंखों में फैल गया था इन्फेक्शन, मरीज को दिखाई देना हो गया बंद, ऑपरेशन कर डॉक्टरों ने बचाई जान
सतना जिले का है निवासी

समय रहते मरीज का ऑपरेशन न करते तो जा सकती थी जान
रीवा। संजय गांधी अस्पताल में भी कई ऐसे काबिल डॉक्टर है जिनके द्वारा की गई सफल सर्जरी को जानकर बड़े शहरों के डॉक्टर भी दांतो तले उगली दबा लेते हैं। अभी हाल ही में मेडिकल कॉलेज के ईएनटी विभाग के प्रोफेसर डॉक्टर अशरफ एवम उनकी टीम ने एक बडा ऑपरेशन कर एक मरीज की जिंदगी बचाने में सफलता पाई है। मरीज फंगल इनवेजन इन्फेक्शन से पीड़ित था, दिखाई देना बंद हो गया था। आर्थिक तंगी के चलते बड़े शहरों में संचालित अस्पतालों में उपचार कराने जा नही सकते थी। ऐसे में मरीज की जान तक जा सकती थी। गनीमत रही कि मरीज के परिजनों की मुलाकात संजय गांधी अस्पताल के ईएनटी सर्जन डॉक्टर अशरफ से हुई। मरीज के परिजनों ने विधिवत अपनी परेशानी बताई। ये सुनते ही डॉक्टर ने मरीज की सभी आवश्यक जांचे करवाई और ऑपरेशन के लिए आवश्यक उपकरण निजी पैसे से मंगवाए। और मरीज का सफल ऑपरेशन कर उसकी जिंदगी बचाई। मरीज पूरी तरह से स्वस्थ है। वही उसके परिजनों में काफी खुशी है। परिजनों ने संजय गांधी अस्पताल के डॉक्टर अशरफ और उनकी पूरी टीम को बधाई दी है और कहा है की वह तो पूरी तरह उम्मीद छोड़ चुके थे। लेकिन डॉक्टर उनके लिए भगवान बनकर आए और उनके मरीज का सफल ऑपरेशन किया। अब वह पूरी तरह स्वस्थ है। यहां यह बताना आवश्यक है कि इस तरह का बड़ा ऑपरेशन विंध्य में पहली बार हुआ है। निजी अस्पतालों में इस तरह के ऑपरेशन का खर्च काफी मंहगा होता है। अस्पताल में किसी तरह के आवश्यक उपकरण मौजूद नही है। उसके बावजूद भी डॉक्टर अशरफ ने आवश्यक उपकरणों का इंतजाम कराया और ऑपरेशन कर मरीज की जान बचाई।
जानकारी के मुताबिक सतना जिले के मदरखा निवासी दोष मोहम्मद 65 वर्ष इनवेसिव फंगल साइनसाइटिस लाइक म्यूकर माइकोसीस नामक बीमारी से पीड़ित था। इसके चलते मरीज को आंख से दिखना भी बंद हो गया था। मरीज के साथ परिजन भी काफी परेशान थे। परिजन मरीज को लेकर संजय गांधी अस्पताल के ईएनटी डिपाटमेंट आए जहा मेडिकल कॉलेज के प्रोफेसर ईएनटी सर्जन डॉक्टर अशरफ से हुई। उन्होंने मरीज की सभी प्रकार की जांच करवाई। मरीज का ऑपरेशन करना बहुत आवश्यक था, अन्यथा ऐसे में मरीज की जान तक जा सकती थी। डॉक्टर अशरफ ने ऑपरेशन के लिए आवश्यक उपकरण अपने निजी पैसे से मंगवाए और मरीज का सफल ऑपरेशन किया। मरीज पूरी तरह से स्वस्थ्य है, परिजन भी बहुत खुश हैं।
डॉक्टर मेरे लिए भगवान
मरीज की बहु ने कहा की डॉक्टर मेरे लिए भगवान बन गए। क्योंकि इसके चलते ससुर को आंख से दिखाई देना भी बंद हो गया था। आर्थिक तंगी के चलते बाहर उपचार के लिए जा भी नही सकते थे। तब अपनी परेशानी डॉक्टर अशरफ से बताई। उन्होंने हमारी परेशानी को समझा और ऑपरेशन किया जो अब स्वस्थ है।
ऑपरेशन में इनकी रही भूमिका
इस ऑपरेशन में डॉक्टर मोहम्मद अशरफ, प्रोफेसर एवम ईएनटी सर्जन, डॉ अंकिता कुजूर, डॉ विकास, डॉ विनीत, डॉ खुमा, डॉ शीतल, डॉ हर्षवर्धन वही एनेस्थीसिया टीम से डॉ कुलदीप, डॉ प्रजापति, डॉ मंदाकिनी, डॉ अवि, डॉ प्रणव और डॉ नीलिमा की भूमिका महत्वपूर्ण रही।
घातक है नाक का ये इंफेक्शन,
डॉक्टर अशरफ ने बताया कि फंगल साइनसाइटिस एक साइनस इंफेक्शन है, जो फंगस के कारण होता है। यह इंफेक्शन का जोखिम कम इम्यूनिटी वाले लोगों में ज्यादा होता है। समय पर इसके लक्षणों को पहचान कर जांच करा लेने से इसके दुष्प्रभाव से बचा जा सकता है।और श्वांस नलियों को सूखने से बचाने के लिए हवा को गर्म और नम रखने का काम भी करता है। इतना ही नहीं नाक में तंत्रिका कोशिकाएं भी होती हैं जो 'समझने' में मदद करती हैं। बताया कि नाक, आंख, कान, मुंह और ब्रेन आपस में एक-दूसरे इंटर कनेक्ट होते हैं। ऐसे में यदि नाक में कोई इंफेक्शन हो जाए तो इन हिस्सों में फैलना का खतरा भी बना रहता है। फंगल साइनोसाइटिस एक ऐसा इंफेक्शन है, जिसे अनुपचारित छोड़ देने पर आंखों और दिमाग में फैल जाता है। मरीज को दयनीय हालत में लाया गया था। ऑपरेशन करना आवश्यक था।उपचार के बाद मरीज ठीक है।
What's Your Reaction?






