जटिल न्यूरोसर्जरी कर डॉक्टर कार्तिकेय ने किया कमाल, थम गया उपचार के लिए मरीजों का पलायन
परिजन भी संतुष्ट
उपचार के मामले में बड़े शहरों की कतार में शामिल हुआ रीवा
रीवा। जिले में अब काबिल डॉक्टरों की कमी नहीं रह गई जो जटिल से जटिल सर्जरी करने में सक्षम है । ऐसे काबिल डॉक्टरों की उपस्थिति के चलते ही यहां के मरीजों का उपचार के लिए बाहर बड़े अस्पतालों की ओर पलायन थम सा गया है। बता दे कि जिले के प्रतिष्ठित न्यूरो सर्जन डॉक्टर कार्तिकेय शुक्ला ने जनवरी माह में एक नही तीन बड़े ऑपरेशन कर रीवा को बड़ी उपलब्धि दिलाई है। उपचार बाद तीनों मरीज पूरी तरह स्वस्थ हैं। परिजन भी संतुष्ट और राहत महसूस कर रहे है और सर्जरी करने वाले डॉक्टर को धन्यवाद ज्ञापित कर रहे है।
बता दे कि 25 वर्षीय युवक के सर में हमेशा दर्द बना रहता था। वह दर्द से परेशान कई डॉक्टरों को दिखाया लेकिन राहत नही मिल रही थी। परिजन मरीज को लेकर डॉक्टर कार्तिकेय शुक्ला से संपर्क किए। उन्हें जांच के दौरान पता चला कि युवक हिमैनजियोब्लास्टोमा नामक बीमारी से पीड़ित है। जिसका उपचार काफी जटिल और मंहगा होता है। फिलहाल न्यूरोसर्जन डॉक्टर कार्तिकेय शुक्ला ने उक्त मरीज का ऑपरेशन कर राहत पहुंचाई जो अब स्वस्थ है।
डॉक्टर श्री शुक्ल की माने तो हिमैनजियोब्लास्टोमा एक वैस्कुलर ट्यूमर है जो मस्तिष्क, रीढ़ की हड्डी और रेटिना में हो सकता है. ब्रेन ट्यूमर के मामलों का लगभग 2% यही ट्यूमर होता है. यहां तक कि टैक्नोलॉजी, एडवांस क्लिनिकल प्रोसिजर और एमआरआई जैसी अत्याधुनिक जांच से भी कई बार इसका सही पता नहीं चलता और मरीज की मौत हो जाती है। हालाकि इसे डॉक्टर की काबिलियत ही मानी जानी चाहिए कि उन्होंने न केवल इस बीमारी की पहचान कर ली अपितु इसका सफल सर्जरी भी कर ली। इसकी सर्जरी में तीन घंटे का समय लगा। इसी प्रकार अन्य दो और मरीजों की भी डॉक्टर कार्तिकेय ने सफल सर्जरी की जिनमे से एक 60 वर्षीय महिला जो वेस्टीब्युलर श्वाननोमा से पीड़ित थी jजिसकी सफल सर्जरी की गई। डॉक्टर ने बताया की यह एक कठिन सर्जरी होती है, क्योंकि यह बेहद जटिल जगह ब्रेन स्टेम पर होती है. जहां पर कई तरह की जटिल संरचनाएं होती हैं. ऐसे में नर्व को नुकसान पहुंचाए बिना इसे निकालना बेहद कठिन होता है। वही एक 19 वर्षीय युवती में जांच के दौरान मेनिन्जियोमा ट्यूमर पाया गया जिसकी सफल सर्जरी की गई। मरीज पूरी तरह स्वस्थ है। इस संबध में डॉक्टर ने बताया कि मेनिन्जियोमा एक ट्यूमर है जो मस्तिष्क के चारों ओर मेनिन्जेस में बनता है और शायद ही कभी रीढ़ की हड्डी के क्षेत्र में होता है। ट्यूमर आमतौर पर धीरे-धीरे बढ़ता है और 90 प्रतिशत मामलों में यह सौम्य यानी गैर-कैंसरयुक्त होता है। इसका सफल उपचार किया गया।
उन्होंने बताया की इस तरह के ये तीनो जटिल सर्जरी बड़े शहरों में संचालित अस्पतालों में ही हुआ करती थी जो अब रीवा में भी संभव हुआ है। इसलिए यहां के मरीजों को कही अन्य अस्पतालों में जाने की जरूरत नहीं।
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