भारत में बढ़ रही बुजुर्गो की आबादी, केरल में सबसे ज्यादा बुजुर्ग
यूएन ने जारी की चौकाने वाली रिपोर्ट
2050 तक हर पांच में से एक शख्स बुजुर्ग होगा, भारत में बढ़ रही बुजुर्गो की आबादी, केरल में सबसे ज्यादा बुजुर्ग
विश्व भर में भारत की शाख बढ़ी है और ये माना जाता है कि युवा शक्ति के बल पर भारत बहुत तेजी से विकास कर रहा है। लेकिन यूएन द्वार जारी रिपोर्ट चौकाने वाली है जिसमे ये बताया गया है कि भारत देश में बुजुर्गो की तादात बहुत तेजी से बढ़ रही है। आने वाले वर्ष 2050 तक में हर पांच शख्स में एक बुजुर्ग देखने को मिलेगा। अर्थात 27 साल बाद भारत में वृद्धों की संख्या बहुतायत में होगी। इसके पीछे प्रमुख तीन वजह बताई गई है जिसमे घटती प्रजनन क्षमता, मृत्यु दर में कमी और उत्तरजीविता में वृद्धि प्रमुख हैं। ये तीन प्रमुख कारण है जिसके चलते भारत में बुजुर्गो की आबादी बढ़ रही है।
60 वर्ष वालो में वृद्धि
बताया गया है कि बुजुर्ग होने का जो अभी रेसियो है वह निरंतर बढ़ रहा है। वर्तमान में अभी यह आंकड़ा 10.1 फीसदी है जो सदी के अंत तक में 36 फीसदी होगा ।अर्थात आने वाले 15 सालो में 60 वर्ष की उम्र वाले बुजुर्गो की तादात काफी अधिक होगी।
भारतीय आबादी के बुजुर्ग होने से आने वाली समस्याओं और उनके निदान व समाधान को ध्यान में रखकर संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष व भारत इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट फॉर पापुलेशन साइंसेज ने जो इंडिया एजिंग रिपोर्ट, 2023 जारी की है। उसके मुताबिक, भारत ही नहीं, पूरी दुनिया की आबादी बूढ़ी हो रही है। वैश्विक स्तर पर बात की जाए, तो 2022 में 7.9 अरब की आबादी में से करीब 1.1 अरब लोग 60 वर्ष से अधिक उम्र के थे। यह आबादी का करीब 13.9 फीसदी हिस्सा है। 2050 तक वैश्विक आबादी में बुजुर्गों की तादाद बढ़कर करीब 2.2 अरब (22%) के करीब पहुंच जाएगी।
प्रजनन क्षमता में आई 20 फीसदी गिरावट
गंभीर बात तो ये है कि प्रजनन क्षमता में बहुत तेजी से गिरावट आई है जो भारत को बुजुर्ग देश बनाने की ओर तेजी से ले जा रहा है। बीते दशक में देश की प्रजनन क्षमता में 20 फीसदी गिरावट आई है। वर्ष 2008_10 के दौरान देश की सकल प्रजनन क्षमता की दर जहा 86.1 थी जो वर्ष 2018 से 2020 के दौरान घटकर 68.7 रह गई है।
उत्तर प्रदेश सबसे युवा और केरल सबसे बुजुर्ग राज्य
वर्तमान में युवाओं की सबसे ज्यादा जनसंख्या उत्तर प्रदेश में है वही केरल की गिनती बुजुर्ग राज्य में आने लगी है। अर्थात केरल में बुजुर्गो की तादात बहुत तेजी से बढ़ी है जो गंभीर चिंता का विषय है। हालाकि कुल आबादी में बुजुर्गों के राष्ट्रीय औसत से कम संख्या वाले 11 राज्य हैं। इनमें 7.7% बुजुर्ग आबादी के साथ बिहार देश का सबसे युवा राज्य है। 8.1% बुजुर्ग आबादी के साथ उत्तर प्रदेश दूसरा सबसे युवा राज्य है। शीर्ष पांच राज्यों में असम (8.2%) तीसरे, झारखंड (8.4%) चौथे और राजस्थान व मध्य प्रदेश (8.5%) पांचवें स्थान पर हैं। वही 60 पार उम्र की 16.5% आबादी के साथ केरल सबसे बुजुर्ग राज्य है। यहां बुजुर्गों की उत्तरजीविता में वृद्धि व प्रजनन दर में तीव्र गिरावट हुई है। सबसे बुजुर्ग पांच राज्यों में तमिलनाडु, केरल व आंध्र प्रदेश दक्षिण से हैं, हिमाचल व पंजाब उत्तर से हैं। आंध्र (12.3%) पांचवां, पंजाब (12.6%) चौथा, हिमाचल (13.1%) तीसरा और तमिलनाडु (13.7%) दूसरा सबसे बुजुर्ग राज्य है।
2036 तक 15 फीसदी हो जाएंगे बुजुर्ग
राष्ट्रीय स्तर पर बुजुर्गों की आबादी 2021 में 10.1% थी जो 2036 में 15% हो जाएगी। 2050 में बुजुर्ग आबादी 20.8% होगी। रिपोर्ट के मुताबिक निर्भरता अनुपात चिंता की बात है। फिलहाल 100 कामकाजी लोगों पर 16 वृद्ध और प्रति 100 बच्चों की तुलना में 39 बुजुर्ग हैं।
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