हाईकोर्ट के निर्देश पर संचालित नर्सिंग होम की जांच करने रीवा पहुंचा सीबीआई का जांच दल
80 कॉलेजों में अनियमितता की मिली थी शिकायत
जांच दल ने मेडिकल कॉलेज से मांगे जरूरी दस्तावेज, लैब है या नही मांगी जानकारी
रीवा। श्याम शाह चिकित्सा महाविद्यालय में शुक्रवार को नर्सिंग होम की जांच करने सीबीआई का पांच सदस्यीय दल रीवा पहुंचा। सीबीआई के पहुंचने की खबर लगते ही हड़कंप की स्थिति निर्मित हो गई। जांच टीम के सदस्यों ने मेडिकल कॉलेज में आवश्यक दस्तावेजों की पड़ताल की उसके बाद टीम संजय गांधी अस्पताल की ओपीडी का निरीक्षण करने पहुंची। इस दौरान यह भी जानकारी ली गई की कितनी बिल्डिंग है, कितने कक्ष है, लैब है या नही इसकी भी जानकारी ली गई।
हाईकोर्ट ने सीबीआई को सौंपा जांच का जिम्मा
गौरतलब है कि नर्सिंग कॉलेज संचालन में भारी अनियमितता की शिकायत मिली थी जिसे न्यायालय के संज्ञान में लाया गया था। इस मामले को गंभीरता से लेते हुए हाईकोर्ट ने इसकी जांच करने सीबीआई को जिम्मेदारी दी गई।
तीन वर्ष पहले उजागर हुआ था घोटाला
बता दे कि लगभग तीन वर्ष पहले ग्वालियर में शिकायत के बाद मध्य प्रदेश में बहुचर्चित नर्सिंग कॉलेज का बड़ा घोटाला उजागर हुआ था। इस घोटाले से तकरीबन 1 लाख छात्र-छात्राओं का भविष्य अब भी दांव पर लगा हुआ है। जानकारी के मुताबिक कोरोना काल के समय अधिकारियों की मिलीभगत से प्रदेश में नियमों को पूरा नहीं करने वाले कॉलेजों को भी मान्यता दे दी गई थी। इन कॉलेजों के पास न तो पर्याप्त मात्रा में जमीन थी और न ही अस्पताल। इसके अलावा भी कई गड़बड़ियां मिली थीं। याचिकाकर्ता के शिकायत के आधार पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने नर्सिंग कॉलेज घोटाले की जांच सीबीआई को सौंपी है।
तीन माह का मांगा समय
हाईकोर्ट द्वारा जांच का जिम्मा मिलने पर सीबीआई ने नर्सिंग कॉलेजों की जांच करने को तीन माह का समय मांगा है। निर्देश मिलने के बाद सीबीआई ने अपनी जांच करवाई तेज कर दी है। इसी सिलसिले में शुक्रवार को जांच दल रीवा पहुंचा।
जांच पूरी होने तक न परीक्षा, न एडमिशन
उल्लेखनीय है कि जांच पूरी होने तक न तो छात्रों की परीक्षाएं आयोजित होंगी और न ही नए सत्र के लिए एडमिशन प्रक्रिया प्रारंभ हो सकेगी। तब तक छात्रों को नए प्रवेश के लिए नए साल का इंतजार करना होगा। जानकारी के मुताबिक हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता की शिकायत पर सुनवाई के दौरान चिकित्सा शिक्षा विभाग के अधिकारियों की परिक्षा परिणाम जारी करने के अलावा एडमिशन के लिए पोर्टल खोलने की मांग को खारिज कर दिया।
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