संकल्प नशा मुक्ति केंद्र में भर्ती मरीज के साथ दुष्कर्म के बाद युवक के गुप्तांग में डाल दी गर्म सरिया, आरोप
परिजनों को मिलने भी नही दिया जाता था
संकल्प नशा मुक्ति केन्द्र में भर्ती मरीज के साथ सामूहिक दुष्कर्म के बाद गुप्तांग में डाल दी गर्म सरिया : आरोप
मरीज को हाथ पैर बांधकर दी जा रही थी यातना
रीवा।
जिले में संचालित एक नशा मुक्ति केन्द्र में मानवीयता की सारी हदें पार कर दी गईं। वहां भर्ती मरीज के साथ रोंगटे खड़े कर देने वाली यातना देने की खबर प्रकाश में आई है। वहां भर्ती मरीज के साथ न केवल सामूहिक दुष्कर्म की घटना कारित की गई अपितु उसके गुप्तांग में गर्म सरिया तक डाल दी गई। ऐसे में युवक के गुप्तांग सहित अन्य अंगों में चोंटे आई हैं। जिसे उपचार के लिए संकल्प नशा मुक्ति केन्द्र के संचालक द्वारा संजय गांधी अस्पताल लाया गया। जहां डाक्टरों द्वारा उपचार शुरू कर दिया गया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार गुढ़ तहसील अंतर्गत गढ़वा निवासी मुकेश मिश्रा को गत 27 जुलाई को शहर स्थित संकल्प नशा मुक्ति केन्द्र में भर्ती कराया गया था। लेकिन यहां उसकी आदतें सुधारने की बजाय संचालक सहित उसके सहयोगियों द्वारा पीडि़त के साथ सामूहिक दुष्कर्म की घृणित कार्य किये गए। इतना ही नहीं सामूहिक दुष्कर्म के दौरान युवक के चिल्लाने की आवाज बंद कमरे से बाहर न जाने पाये इसके लिए वहां साउण्ड बॉक्स चालू कर दिये जाते थे। पीडि़त युवक की मानें तो उसके साथ हो रही प्रताडऩा का उसके द्वारा विरोध भी किया जाता रहा। कहा कि उसने कई बार ऐसा न करने के लिए संचालक सहित वहां के अन्य कर्मचारियों से हाथ पैर जोड़ विनती करता रहा लेकिन कोई एक नहीं सुनता था। उल्टे उसके हाथ पैर बांधकर उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया जाता था। युवक के गुप्तांग सहित शरीर के अन्य अंगों में चोट के निशान हैं। उपचार के लिए उक्त केन्द्र के संचालक द्वारा उसे संजय गांधी अस्पताल लाया गया है। डॉक्टरों द्वारा उपचार शुरू कर दिया गया है। इस बात का खुलासा तो तब हुआ जब परिजनों को युवक के पेट का ऑपरेशन होने की सूचना दी गई। परिजन युवक से मिलने जैसे ही अस्पताल पहुचे तो उनके होश ही उड़ गए। भर्ती युवक ने अपनी आप बीती अपने परिजनो को सुनाई। यह सुनते ही परिजनों के पैरों तले जमीन ही खिसक गई। परिजन इसकी शिकायत करने विश्वविद्यालय थाने पहुच गए लेकिन उनकी रिपोर्ट तक नहीं लिखी गई। परिजनों द्वारा लाख प्रयास करने के बावजूद भी जब उनकी रिपोर्ट दर्ज नहीं की गई तो वह पुलिस अधीक्षक के पास अपनी आप बीती सुंनाने पहुच गए। आखिरकार पुलिस अधीक्षक के निर्देश के बाद ही इनकी शिकायत दर्ज कराई गई है। ं पीडि़त ने जैसे ही अपनी आपबीती अपने परिजनों को सुनाई तो उनके होश ही उड़ गये। इस बात की जानकारी लगते ही परिजन इसकी शिकायत करने विश्वविद्यालय थाने पहुच गए। काफी आरजू मिन्नत करने के बाद भी उनकी शिकायत दर्ज नहीं की गई। ऐसे में परिजनो ने एसपी से गुहार लगाई। एसपी के संज्ञान लेने के बाद ही मामला दर्ज किया गया। जानकारी के मुताबिक पुलिस ने कुल पांच आरोपियों के खिलाफ मामला पंजीबद्व कर कार्रवाई शुरू कर दी है।
परिवार को झांसे में रखा
संकल्प नशा मुक्ति केन्द्र के संचालक की मनमानी इतनी की पीडि़त को उसे परिजनों से मिलने तक नहीं दिया जाता था। यहां तक कि कई बार परिजनों द्वारा उक्त केन्द्र में दूरभाष से संपर्क कर पीडि़त युवक से बात करने का प्रयास भी किया लेकिन संपर्क नहीं कराया जाता था। इतना ही नहीं इस मर्तबा युवक के पेट का ऑपरेशन होने की जानकारी उसे दी गई थी, जो सही साबित नहीं हुई।
लगातार हो रही थी ब्लीडिंग, हालत खराब होने पर कराया भर्ती
बताया गया है कि पीडि़त युवक के गुप्तांग में लाइटर घुसेड़ दिया गया था। उसमें भी एक बार नहीं बल्कि कई कई बार उसके गुप्तांग में लाइटर डाला गया जिसके चलते उसे काफी ब्लीडिंग हुई। पहले तो संचालक द्वारा उसे उपचार के लिए संजय गांधी अस्पताल न ले जाना पड़े, इसके लिए टालमटोल किया गया। लेकिन जब उसकी हालत बिगडऩे लगी तब उसे संजय गांधी अस्पताल लाया गया।
छह माह से किया जा रहा था दुष्कर्म
पीडि़त मुकेश मिश्रा गुढ़ तहसील अंतर्गत गढ़वा का निवासी है। उसने बताया कि उसके साथ छह माह से लगातार आरोपियों द्वारा दुष्कर्म किया जा रहा था। दुष्कर्म करने के पहले से उसके हाथ पांव बांध दिये जाते थे साथ ही वहां रखे डीजे साउण्ड बॉक्स ऑन कर दिये जाते थे ताकि उसकी आवाज को कोई सुन न पाये। पीडि़त के हाथ पैर में चोंट के निशान भी देखे गए हैं।
मौके पर पहुची एसएफएल टीम
उक्त घटना की जानकारी लगते ही पुलिस के आला अधिकारी एलर्ट हो गए। जांच के लिए टीम गठित कर दी गई है। टीम के सदस्य मौके पर पहुचकर मामले को संज्ञान में लिया है और इसकी बारीकी से तफ्तीश कर रहे हैं। वहीं पीडि़त युवक का बयान भी लिया गया है।
बताया पेट का ऑपरेशन
पीडि़त युवक की पत्नी ने बताया कि उसे नशा मुक्ति केन्द्र से उसके पति के पेट का ऑपरेशन होने की जानकारी दी गई थी। यह सुनकर वह खुद दंग रह गई। बताया कि उन्हें पेट की तकलीफ कभी हुई नहीं, फिर अचानक पेट का ऑपरेशन क्यों और किसलिए किया गया। वह तो दंग उस वक्त रह गई जब उसके पति ने उसे अपनी आप बीती सुनाई। अर्थात नशा मुक्ति केन्द्र द्वारा पीडि़त युवक की पत्नी और उसके परिवार के अन्य सदस्यों को झांसे में रखा जाता था। उसे सच्चाई से वाकिफ नहीं कराया जाता था।
हर माह दे रहे थे 18 हजार
बताया गया है कि पीडि़त नशे का आदी था। नशे की लत छोडऩे के लिए उसे संकल्प नशा मुक्ति केन्द्र में भर्ती कराया गया था। हर माह 18 हजार रूपये देने होते थे। वह करीब ढाई वर्ष से वहां रह रहा था। लेकिन उन्हें क्या पता कि जहां उसे सुधारने के लिए रखा गया है वहां के संचालक और उसके सहयोगी उसे ही अपनी हवस का शिकार बना लेंगे।
संकल्प नशा मुक्ति केन्द्र में भर्ती मरीज के साथ हुई अमानवीय घटना को संज्ञान में लिया गया है। जांच के लिए टीम भी गठित कर दी गई है। जांच में जो भी दोषी पाया जायेगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जायेगी।
=विवेक सिंह, एसपी रीवा
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